छात्राओं को प्राप्त होने वाली छात्रवृत्तियां एवं अन्य सहायता
- लाइब्रेरी तथा ऑन-लाइन ई-जनरल्स के द्वारा छात्राएं अपना ज्ञानवर्धन कर सकती हैं। छात्रों को ई-लर्निंग हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। लाइब्रेरी तथा ऑन-लाइन ई-जनरल्स द्वारा छात्राएँ अपने अपने विषय में शीघ्र राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सगोष्ठियों, कक्षाओं, व्याख्यानों, कार्यशालाओं सम्मेलन इत्यादि में सहभागिता कर लाभ प्राप्त कर सकती है व नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकते है।
- शोध कार्य हेतु यू.जी.सी. फैलोशिप के अंतर्गत राजीव गाँधी राष्ट्रीय फैलोशिप स्कीम में (RGNFS) केवल (SC/ST) छात्राएँ आवेदन कर सकती है।
- माता-पिता की केवल एक पुत्री संतान हेतु पोस्ट ग्रेजुएट इन्दिरा गाँधी स्कालरशिप (परास्नातक कक्षाओं) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा की जाती है।
- समाज कल्याण विभाग – दशमोत्तर छात्रवृत्ति के अंतर्गत सामान्य, अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं को छात्रवृत्ति उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार शासन की वेबसाइते www.scholarship. up.nic.in के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर संबन्धित विभाग द्वारा छात्राओं के बैंक खाते में छत्रवित्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि अंतरित की जाती है। वर्तमान में शासन द्वारा अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति की छात्राओं के माता-पिता/अभिभावकों की वार्षिक आय 2 लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख का दी गयी है।
- छात्रा सहायता कोष – निर्धन एवं मेधावी छात्राओं की सहायता के लिए महाविद्यालय में छात्रा सहायता कोष है, जो प्राचार्य के विवेकाधीन हैं। छात्राओं से अपेक्षा की जाती है की महाविद्यालय में अध्ययनरत रहते हुये महाविद्यालय के पुस्तकालय एवं शिक्षक वर्ग के निर्देशन में कक्षा में पूर्ण उपस्थिती दर्ज कराके श्रेष्ठ परीक्षाफल प्राप्त करेंगी तथा समाज एवं छात्राओं के लिए आदर्श प्रस्तुत करेंगी। छात्राओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अनुशासनबद्ध रहकर श्रेष्ठ आचरण एवं संस्कार अर्जित करेंगी। नियमतः छात्रवृत्ति हेतु दोहरा लाभ अनुमान्य नहीं है।